शरारत न होती शिकायत न होती ,ख्यालो मैं किसी की नजाकत न होती
न होती बेकरारी न होते हम तनहा ,जो जहाँ मैं कम्बखत ये मोहब्बत न होती
न होते ये सपने ये खुअबो के दुनिया किसी की चाहत की तम्मना न होती
नa जुल्फों की छाया न फूलों की kहुसबू यादो मैं उनकी राते न कटती
जो न होती मोहब्बत ये आंशूं न होते , दिल भी न खोता आज तनहा न रोता
मजनू सी अपनी ये हालत न होती ,जो न होती मोहब्बत ये आंशु न होते दिल भी न खोता आज तनहा न रोता
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