बनते हैं दोस्त हजारो ,पर निभाता हैं कोई कोई,
आँखों को अच्छे लगते हैं बहुत,पैर दिल को बता हैं कोई कोंई
मिलते हैं बहुत लोगो से दिन के उजाले मैं हम
पर रातो को सपनो मैं आता हैं कोंई कोई
कहने को तो बेशुमार हैं अपने इस दुनिया मैं
हकीकत हैं मगर अपना हो पता हैं कोंई कोंई
किसी का प्यार मिले या न मिले ये मेरी तकदीर पर हैं
खुदा की बंदगी करते हैं लाखो पर खुदा को पता हैं कोंई कोंई
1 comment:
मिलते हैं बहुत लोगो से दिन के उजाले मैं हम
पर रातो को सपनो मैं आता हैं कोंई कोई
this is what life is all about... most of the time you find your self alone in the crowd... this what "ATMGYAN" is all about...
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