Friday, April 10, 2009

मेरे जिस्म मैं कैद आखरी साँस तेरा इंतजार करती हैं

तेरे रुखसार को बंद मेरी पलके कब से तेरा इंतजार करती हैं

खुलने को खुल जाए बंद मेरी पलके इस पल मेरी जान यूँ ही

रुखसती को तैयार मेरी रूह सिर्फ़ तेरी कदमो की आहात का इंतजार करती हैं

No comments: