Saturday, April 11, 2009

दिल का दर्द

Hoti hai zindagi apni magar apni nahi
kyu ladkiyo ki shaam-o-sahar apni न
unke liye ankho ko hai jheel banati
kabhi bhi hoti jinki nazar apni nahi
khwaab uske palko pe saja leti hain
aisa safar jiski gard-e-safar apni nahi
safar ke anjaam pe maloom hua use
jispe chal rahi thi wo rehguzar apni nahi
har kisi ke dard ko apna hai banaya
aur apne dard ki hi khabar apni nahi
jisse mile dhoka usi pai yaqeen kare
sheher-e-wafaa ki koi dagar apni nahi
wo shokh titli hai "LAMHA" ke udne do use
wo bani sabki par khud humsafar apni nahi



kaun andaza mere gam ka laga sakta hai, kaun sahi raah dikha sakta hai, kinare walo tum mera dard ko kya jano,dubne wala hi gehrai bata sakta..............

Friday, April 10, 2009

इश्क

शरारत न होती शिकायत न होती ,ख्यालो मैं किसी की नजाकत न होती

न होती बेकरारी न होते हम तनहा ,जो जहाँ मैं कम्बखत ये मोहब्बत न होती

न होते ये सपने ये खुअबो के दुनिया किसी की चाहत की तम्मना न होती

नa जुल्फों की छाया न फूलों की kहुसबू यादो मैं उनकी राते न कटती

जो न होती मोहब्बत ये आंशूं न होते , दिल भी न खोता आज तनहा न रोता

मजनू सी अपनी ये हालत न होती ,जो न होती मोहब्बत ये आंशु न होते दिल भी न खोता आज तनहा न रोता

मेरे जिस्म मैं कैद आखरी साँस तेरा इंतजार करती हैं

तेरे रुखसार को बंद मेरी पलके कब से तेरा इंतजार करती हैं

खुलने को खुल जाए बंद मेरी पलके इस पल मेरी जान यूँ ही

रुखसती को तैयार मेरी रूह सिर्फ़ तेरी कदमो की आहात का इंतजार करती हैं

भारत के नेता

चाँद अगर औरो पे मरेगा क्या करेगी चांदनी ,प्यार मैं पंगा करेगा क्या करेगा चांदनी

लाख तुम फासले उगा लो एकता की देश मैं ,इसको जब नेता चरेगा क्या करेगी चांदनी

जो बचा था खून उसको तो सियासत पि गयी ,खुदकुशी खटमल करेगा क्या करेगी चांदनी

चाँद से हैं खुबसूरत भूक मैं दो रोटियाँ ,भूखा कोई बच्चा मरेगा क्या करेगी चांदनी

आशाये

बनते हैं दोस्त हजारो ,पर निभाता हैं कोई कोई,

आँखों को अच्छे लगते हैं बहुत,पैर दिल को बता हैं कोई कोंई

मिलते हैं बहुत लोगो से दिन के उजाले मैं हम

पर रातो को सपनो मैं आता हैं कोंई कोई

कहने को तो बेशुमार हैं अपने इस दुनिया मैं

हकीकत हैं मगर अपना हो पता हैं कोंई कोंई

किसी का प्यार मिले या न मिले ये मेरी तकदीर पर हैं

खुदा की बंदगी करते हैं लाखो पर खुदा को पता हैं कोंई कोंई

अध्यापक के लिए

एक अध्यापक की हुई सादी तो सुहागरात को दुल्हन का घूँघट उठाते ही अपनी आदतों के अनुसार पर्श्नों की जड़ी लगा दी । बोला तेरा नाम चम हैं या चेमाली ,कोण कोण हैं तेरी सहेली , अपनी और अपनी सहेली की सही सही उमर बता ,तुझे मंनेर्स आते हैं या नही पलंग पर सीधी खड़ी हो जा ,तेरे कितने भाई बहेन हैं ,उनके नाम भी बता,तू कोण से नम्बर पर हैं जरा मुस्कुरा ,तेरा बाप कहाँ जाता हैं ,महीने मई कितना कमाता हैं ,अपने घर का भोगोल बता ,संक्षेप मैं परिवार का इतिहास बता ,जन्म से लेकर अब तक देखि फिल्मो के नाम गिना,कोण सी फ़िल्म किस के साथ देखि जोड़े बना ,सुन केर ढेर सारे सवाल दुल्हन का हो गया बुरा हाल, सर्दी मैं भी पशीना छूट गया ,तब अध्यापक को आई दया ,कमर थपथपापते हुआ बोला घबरा मत हिम्मत से काम ले, चल किन्ही पाँच प्रश्नों के उत्तर दे
दो नैन कमल दो नैन कमल ,घूँघट मैं घनेरी रात लिए ,आँचल मैं भरी बरसात लिए ,कुछ पाए हुए कुछ खोये भी
कुछ जागे भी कुछ सोये भी , चंचल उषा के बाण लिए , गंभीर घटा का मान लिए
जीवन का सजाल संगीत भरे, कुछ हार भरे कुछ जीत भरे ,कुछ बीते दिनों की करबत सी ,कुछ आते दिनों की आहात सी ,किन किन गलियों दीप जलाये सखी,ये भाबरे कित मंडलाए सखी ,सपनो से बोझल बोझल ,दो नैन कमल दो नैन कमल, कुछ घबराए कुछ सरमाये ,कुछ सरमा सरमा इतराए, सखी भेदी भेद न पा जाए, कुछ उलझी सुलझी आशाये
कुछ बुझी बुझी भासये .कुछ बिखरे बिखरे राग लिए,कुछ मीठी मीठी आग लिए ,अनुराग लिए बैराग लिए, कुछ बीते दिनों की करवट सी,कुछ आते दिनों की आहात सी, किन किन गलियों दीप जलाये सखी ,ये भाबरे कित मंडलाए सखी,नैनो से बोझल बोझल दो नैन कमल दो नैन कमल

tu hi meri kamna mere geet ho

mera jeevan savara tum bo preet ho

main ab tak akela tha arthheen tha, jeevan jeevan nahi shok geet tha

tum veena ke taro ka bo sangeet ho,tum meri kamna mera sangeet ho

kisi anjane path per main chalta raha, main her pal mera main jalta raha

man ki agan bujai tum bo sheet ho,tum meri kamna mera sangeet ho

sakdo bandhno main tha main lipta hua, apne akakipan main tha simta hua

mere bandhan tudaye tum bo reet ho,tum meri kamna mera sangeet ho

mere sang sang chalo bhar ke man main umang,ant tak na chute hamara ye sang

unmat rahoon tum ko gata chalo, arthpurn prem ka tum vo geet ho

tum hi meri kamna mera sangeet ho